चुनरी उड़ी रे उड़ी चुनरी उड़े तो अख फड़के - The Indic Lyrics Database

चुनरी उड़ी रे उड़ी चुनरी उड़े तो अख फड़के

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अभिजीत, जसपिन्दर नरूला | संगीत - आदेश श्रीवास्तव | फ़िल्म - शिकारी | वर्ष - 2000

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चुनरी
उड़ी रे उड़ी
चुनरी उड़े तो अख फड़के दीवाने की जां तड़पे
जब कोई लड़की देखे तो दिल करे धक धक धक
धक धक धक
चुनरी उड़े तो ...मेरे रूप रंग में जादू है मेरा अंग अंग मस्ताना
मेरी जिंदड़ी ओ मेरी जान-ए-मन सीने से आके लग जाना
शरबती आँखों में तेरे इन गालों में
मैं उलझ जाता हूं रेशमी बालों में
ऐसे न जा पागल करके दीवाने की जां तड़पे
चुनरी उड़े तो ...मेरी सोणिये ज़रा करने दे कुछ प्यार व्यार की बातें
तेरे बिना नहीं कटती हैं तन्हाइयों में अब रातें
जागती रहती हूं नींद नहीं आती है
इश्क़ की बेचैनी मुझको तड़पाती है
शोला कोई तन में भड़के दीवाने की जां तड़पे
चुनरी उड़े तो ...