ऐ मेरी ज़िन्दगी के सहारे कहाँ है तू - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरी ज़िन्दगी के सहारे कहाँ है तू

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - सोहनी महिवाल | वर्ष - 1958

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ऐ मेरी ज़िन्दगी के सहारे कहाँ है तू
मुझको भी अपने पास बुला ले जहाँ है तू

आज गलियों में तेरी आया है दीवाना तेरा-2
दिल में लेकर ग़म तेरा होंठों पे अफ़साना तेरा
आज गलियों में तेरी ...

भीख दे दीदार की परदा उठा जलवा दिखा-2
माँगता है हुस्न की ख़ैरात मस्ताना तेरा-2
आज गलियों में तेरी ...

तू ही दिल को हुस्न की चिंगारियों से फूँक दे-2
आग में ग़म की जला जाता है परवाना तेरा-2
आज गलियों में तेरी ...

तेरी मर्जी है बना दे या मिटा दे तू मुझे-2
ज़िन्दगी तुझ पर है सदके दिल है नज़राना तेरा-2
आज गलियों में तेरी ...$