यारा सिली सिली, बिरहा के रात का जलना - The Indic Lyrics Database

यारा सिली सिली, बिरहा के रात का जलना

गीतकार - पं. नरेंद्र शर्मा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - पं. हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - सत्यम शिवम सुन्दरम | वर्ष - 1978

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यारा सीली सीली, बिरहा के रात का जलना
ये भी कोई जीना है, ये भी कोई मरना
टूटी हुई चुडीयों से जोड़ूँ ये कलाई मैं
पिछली गली में जाने क्या छोड़ आई मैं
बीती हुई गलियों से फिर से गुजरना
पैरों में ना साया कोई, सर पे ना साईं रे
मेरे साथ जाए ना मेरी परछाई रे
बाहर उजाड़ा है अन्दर विराना