जब से हुई मैं सत्रह बरस की - The Indic Lyrics Database

जब से हुई मैं सत्रह बरस की

गीतकार - दिलीप ताहिरो | गायक - उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | संगीत - अनवर उस्मान | फ़िल्म - बिजली और बादल | वर्ष - 1991

View in Roman

जब से हुई मैं सत्रह बरस की आफ़त में ये जान है
तेरे रूप का दीवाना तो सारा हिन्दुस्तान हैचौदह साल में धड़के था दिल जब थी मैं बड़ी भोली
भोली वोली क्या होगी होगी बंदूक की गोली
दिल की बतें तू क्या जाने तू तो बेईमान है
तेरे रूप का दीवाना ...पूछ ना कैसे पन्द्रह सोलह मैने हाय गुज़ारे
शहर गांव के पड़ गए होंगे पीछे तेरे कंवारे
छोड़ कुंवारों की तो डोले बूढ़ों का ईमान है
तेरे रूप का दीवाना ...सत्रह बरस की कोरी जवानी किसके करूं हवाले
किस किस को तू दिल देगी सब लोग हैं मरने वाले
नागिन बन के डंस लूंगी सबकी मुझको पहचान है
तेरे रूप का दीवाना ...