इतने बड़े जहाँ में ऐ दिल तुझको अकेला - The Indic Lyrics Database

इतने बड़े जहाँ में ऐ दिल तुझको अकेला

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - कठपुतली | वर्ष - 1957

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इतने बड़े जहां में ऐ दिल तुझको अकेला छोड़ूँ कैसे
तू नादान लोग बेगाने इन संग नाता जोड़ूँ कैसेमत जा रे मत जा इन अनजानी गलियों में
बचियो रे दुनिया वाले छलियों से
तू एक जान शिकारी लाखों इनका निशाना तोड़ूँ कैसे
इतने बड़े जहां में ...मत ललचा गर काँटों में फूल भी है
पूछ किसी से दिल का लगाना भूल भी है
ढल जाए रात बिखर जाएँ सपने फिर से इन्हें मैं जोड़ूँ कैसे
इतने बड़े जहां में ...हाय न माना ग़ैर का ज़ालिम हो ही गया
जाता है तो जा दीवाने अब मैं तेरा जी जोड़ूँ कैसे
इतने बड़े जहां में ...