गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - बड़ा आदमी | वर्ष - 1961
View in Romanअगर दिल किसी से लगाया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता
गिराना ही था तूने आंसू समझ के
तो नज़रों में हमको बसाया न होता
मुक़द्दर में गर यही रुसवाइयां थी
तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता
अगर तेरे दामन की हसरत न होती
तो यूँ ज़िन्दगी को लुटाया न होता