सावन का महिना है दे दारू - The Indic Lyrics Database

सावन का महिना है दे दारू

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - महेंद्र कपूर, किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - कर्मा | वर्ष - 1986

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सावन का महीना है -२
क्या सागर है क्या मीना है
ये पीना भी कोई पीना है
पीना है तो मुँह से लगाकर बोतल से पीने दे दारू
दे दादा ओ मेरे भईया रे दे दारू
अरे बड़े दिनों के बाद मिली है ये दारू
अरे होश रहे न बाकी साक़ी दे दारू
ओ मेरे भईया दे दारू ...ये अन्दर बाहर होने दो
हमें हँसने दो हमें रोने दो
सब भेद करम खुल जाएंगे
सब भेद करम खुल जाएंगे
सब काँटे पे तुल जाएंगे
हम बुरे सही पर अच्छे हैं
क्योंकी हम दिल के सच्चे हैं
अरे झूठ कहें तो जान हमारी ले दारू
ओ मेरे भईया दे दारू ...one peg, two peg, three peg, four peg
हम pegपीकर होश में आए हैं
हाँ अब हम जोश में आए हैं
पानी में आग मिलाई है
कुछ गर्मी खून में आई है
मस्ती सर चढ़के बोलेगी
अब गोरी घूंघट खोलेगी
वो हाथ किसी के पड़े नहीं
हम बड़े दिनों से लड़े नहीं
अरे आज किसी को मारेंगे दे दारू
अरे देता जा दारू रे
ओ मेरे भईया दे दारू ...