दिन सारा गुज़ारा तोरे अंगना मेरे यार शब बा कैर - The Indic Lyrics Database

दिन सारा गुज़ारा तोरे अंगना मेरे यार शब बा कैर

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - जंगली | वर्ष - 1961

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ल : दिन सारा गुज़ारा तोरे अँगना
अब जाने दे मुझे मोरे सजना
मेरे यार शब-ब-ख़ैर -२
ओ मेरे यार शब-ब-ख़ैर
र : आसान है जाना महफ़िल से
ओ कैसे जाओगे निकल कर दिल से
मेरे यार शब-ब-ख़ैर ...ओ दिलबर दिल तो कहे तेरी राहों को रोक लूँ मैं
आई बिरहा की रात अब बतला दे क्या करूँ मैं -२
याद आएँगी ये बातें तुम्हारी
तड़पेगी मोहब्बत हमारी
मेरे यार शब-ब-ख़ैर ...ल : मैं धरती तू आसमाँ मेरी हस्ती पे छा गया तू
सीने के सुर्ख़ बाग़ में दिल बनके आ गया तू
अब रहने दे निगाहों में मस्ती
ओ बसा ली मैने ख़्वाबों की बस्ती
मेरे यार शब-ब-ख़ैर ...र : ये चंचल ये हसीन रात हाय काश आज ना जाती
हर दिन के बाद रात है इक दिन तो ठहर जाती
कोईइ हमसे बिछड़ के न जाता
जीते का मज़ा आ जाता
मेरे यार शब-ब-ख़ैर ...