गीतकार - समीर | गायक - सुखविंदर सिंह, सहगान | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - द लीजेंड ऑफ भगत सिंह | वर्ष - 2002
View in Romanतेरा लुट ना जाये माल ओयेओ जट्टाअ पगड़ी स.म्भाल इस बार ओयेलक टुड़ू टुड़ू टुड़ू टुड़ू टुड़ू टुड़ू बल्ले बल्ले
लक टुड़ू टुड़ू टुड़ू टुड़ू बल्ले, ओ बल्ले, ओ बल्लेओये ओये ओये ओये ओये ओये ओये ओये
पगड़ी स.म्भाल जट्टा पगड़ी स.म्भाल ओये
तेरा लुट ना जाये तेरा लुट ना जाये माल जट्टा पगड़ी स.म्भाल ओयेतोड़ गुलामी की ज़ंजीरें बदल दे तू अपनी तकदीरेंपड़ जा ऐसा इन के पल्ले कर दे इन की बल्ले बल्लेआस्माँ को भी वो झुकाये झुकाये यारोजो कभी भी हिम्मत न हारेआदमी यहाँ पे जो चाहे जो चाहे यारोवो ज़मीं पे लाये सितारेबाँधा किस ने तेज़ हवा को वक़्त को किस ने देखामेहनत से ही बदलेगी तेरे हाँथों की रेखाहड़िप्पा हड़िप्पा
हए हए हए हए हए हए हए हए हए हए हए हड़िप्पाआज हम करेंगे ये वादा, ये वादा, जट्टाआज हम करेंगे ये वादा
बैरियों को मिल के मिटाना मिटाना जट्टाहै कहीं तुम अपना इरादाफ़ौलादी हैं बाँहें तेरी पत्थर तो है सीनाकर दे कर दे इन गोरों का अब तो मुश्किल जीना