यहाँ बदला वफ़ा का - The Indic Lyrics Database

यहाँ बदला वफ़ा का

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - फ़िरोज़ निज़ामी | फ़िल्म - दिल एक मंदिर | वर्ष - 1963

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यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
मोहब्बत करके भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है
कभी सुख है कभी दुःख है
अभी क्या था अभी क्या है
यूँ ही दुनिया बदलती है
इसीका नाम दुनिया है
तड़पने भी नहीं देती हमें मजबूरियाँ अपनी
मोहब्बत करने वालों का तड़पना किसने देखा है
मोहब्बत करके भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है
बड़े अरमान से वादों ने दिल में घर बसाया था
वो दिन जब आते हैं कलेजा मुँह को आता है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
भुला दो वो ज़माना जब मुझे अपना बनाया था
भुला दो नाम-ए-उल्फ़त जब तुम्हारे लब पे आया था
भुला दो वो कसम जो दिलाई थी कभी तुमने
भुला दो वो कसम जो कि खाई थी कभी तुमने
भुला दो दिल से तुम गुज़रे हुए रंगीन ज़माने को
भुला दो इश्क़ के सादा फ़साने को
तमन्नाओं की बस्ती में अँधेरा ही अँधेरा है
किसे अपना कहें कोई जो अपना था पराया है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसीका नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुःख है
अभी क्या था अभी क्या है
मोहब्बत करके भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है