बहार ए हुस्न तेरी जहाँ तू हैं - The Indic Lyrics Database

बहार ए हुस्न तेरी जहाँ तू हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - आओ प्यार करे | वर्ष - 1964

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बहार-ए-हुस्न तेरी, मौसम-ए-शबाब तेरा
कहाँ से ढूँढ के लाए कोई जवाब तेरा
ये सुबह भी तेरे रुखसार की झलक ही तो है
के नाम लेके निकलता है आफ़ताब तेराजहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा -२
तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा
जहाँ तू है ...कली हो हाथ में ले कर बहारों को न शरमाना
ज़माना तुझको देखेगा कली को कौन पूछेगा
जहाँ तू है ...फ़रिश्तों को पता देना न अपनी रहगुज़ारों का
वो क़ाफ़िर हो गए तो बन्दगी को कौन पूछेगा
जहाँ तू है ...किसी को मुस्करा के ख़ूबसूरत मौत ना देना
क़सम है ज़िन्दगी की ज़िन्दगी को कौन पूछेगा
जहाँ तू है ...