गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - गीता दत्त, सहगान | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - जोगन | वर्ष - 1950
View in Romanको: डारो रे रंग डारो रे रसिया
फागुन के दिन आए रे आए रे
गी: रंग कछु और नयो खिलाड़ी
मारी पिचकारी भीगोई साड़ी
रंग गई अंग अंग सजनी
खिलन के दिन आए रे आए रे ...
दुलहन घूंघट मे शरमाए
रसिया नैनन बीच समाए
कूक कूक कर कोयल बोले
यौवन के दिन आए रे आए रे ...
साजन बैठे तन मन खो कर
छलक रहा है रूप सरोवर
प्यासी प्यासी अँखियाँ बोली
लूटन के दिन आए रे आए रे ...