तकदीर के चक्कर गम हो के सीतम तु कभि: - The Indic Lyrics Database

तकदीर के चक्कर गम हो के सीतम तु कभि:

गीतकार - सरवरो | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - नई माँ | वर्ष - 1960

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तक़दीर के चक्कर ये उलटफेर ये अन्धेर
बनते न लगे देर बिगड़ते न लगे देरग़म हो के सितम तू कभी आँसू न बहाना
झुक जाएगा एक दिन तेरे क़दमों पे ज़मानादिन ढलता है शाम आती है बढ़ता है अँधेरा
फिर रात गुज़र जाती है आता है सवेरा
ऐसे ही ग़म के बाद ख़ुशी का भी है फेरा
दुख दर्द के आगे तू कभी सर ना झुकाना
झुक जाएगा एक दिन ...क्यूँ भूल गया पगले ये मशहूर कहानी
काँटों पे पला करती है फूलों की जवानी
इनसान तो कर देता है पत्थर को भी पानी
हिम्मत से मुसीबत के ये दिन काटते जाना
झुक जाएगा एक दिन ...अफ़सोस न कर देख के इन हाथों की ताबीर
इक रोज़ बदलकर ही रहेगी तेरी तक़दीर
तक़दीर का शिक़वा कभी होंठों पे न लाना
झुक जाएगा एक दिन ...