तेरे होन्थोन को तेरी लालि को तेरे यौवन की हरियाली को - The Indic Lyrics Database

तेरे होन्थोन को तेरी लालि को तेरे यौवन की हरियाली को

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - मुकेश | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - दीदार | वर्ष - 1970

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(तेरे होंठों को, तेरी लाली को,
तेरे यौवन की हरियाली को)-२
(तेरी अन्गडाई में मिलादूँ)-२
बोलो तो गीत बनादूँ
तेरे होंठों को, तेरी लाली को,
तेरे यौवन की हरियाली कोज़ुल्फ़ों के आवारा दामन में
तेरे अंग अंग के दरशन में
तेरे मन के कोरे दरपण में
(अपनी तसवीर सजादूँ)-२
बोलो तो गीत बनादूँ
तेरे होंठों को, तेरी लाली को,
तेरे यौवन की हरियाली कोपलकों के तिरछे कोने को तेरे रूप के मस्त खिलौने को
तेरे गहरीले रंग सलोने को इक ऐसी गिरह लगा दूँ
बोलो तो गीत बना ...(बिंदिया की चंचल चितवन से)-२
बाहों पे खनकते कंगन से
पायल की चनकती थन्थन से
(अपनी आवाज़ मिलादूँ)-२
बोलो तो गीत बनादूँ
तेरे होंठों को, तेरी लाली को,
तेरे यौवन की हरियाली को