अफसाना लिख रही हूँ दिल-ए-बेकरार का - The Indic Lyrics Database

अफसाना लिख रही हूँ दिल-ए-बेकरार का

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - उमा देवी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दर्द | वर्ष - 1947

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अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेकरार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतजार का
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में
जी चाहता है मुँह भी ना देखूँ बहार का
हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें
लेकिन नसीब लाई हूँ एक सोग़वार का
आजा के अब तो आँख में आँसू भी आ गये
साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-करार का