ऐ जान-ए-जिगर दिल में समाने आ जा - The Indic Lyrics Database

ऐ जान-ए-जिगर दिल में समाने आ जा

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मुकेश | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - आराम: | वर्ष - 1951

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ऐ जान-ए-जिगर दिल में समाने आ जा
उजड़ी हुई बस्ती को बसाने आ जा

दर्द से बेताब है तू जान-ए-तमन्ना
आराम का पैग़ाम सुनाने आ जा

परवाना बड़ी देर से है आस लगाये
ऐ शम्मा न कर देर जलाने आ जा

तरसी हुई नज़रों को है दीदार की हसरत
बरखा की तरह प्यास बुझाने आ जा$