बार बार मेरा प्यार मुजे पुच्छ रह दिलदार - The Indic Lyrics Database

बार बार मेरा प्यार मुजे पुच्छ रह दिलदार

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - मुकेश, नजीमा | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - अलबेली | वर्ष - 1974

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बार-बार मेरा प्यार मुझे पूछ रहा दिलदार
कि ऐसा तुझमें क्या है क्या है जो मेरा चैन गया हैमैने देखा है जब से तुझको चाहा है तब से
और मेरे फ़साने में कुछ भी नहीं
मुझको इतना पता है तुझमें ऐसी अदा है
नाम जिसका ज़माने में कुछ भी नहीं
फिर कैसे मैं समझाऊँ और कैसे मैं बतलाऊँ
कि ऐसा तुझमें ...ये उजाला बदन का चाँद जैसे गगन का
कैसे लफ़्ज़ों में ये रूप ढल पाएगा
मैं जो गाना भी चाहूँ गुनगुनाना भी चाहूँ
गीत मेरा अधूरा सा रह जाएगा
फिर कैसे मैं समझाऊँ और कैसे मैं बतलाऊँ
कि ऐसा तुझमें ...