चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है - The Indic Lyrics Database

चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - लता - किशोर | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - दिल-ए-नादान | वर्ष - 1982

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चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
खुदपे इतराते हुए, खुदसे शरमाते हुए
नीले अम्बरपे कहीं झूले में
साथ रंगों के हसीन झूले में
नाज़-ओ-अंदाज़ से लहराते हुए
खुदपे इतराते हुए, खुदसे शरमाते हुए
जागती झील के साहिल पे कहीं
लेके हाथों में कोई साज़-ए-हसीं
एक रंगीन ग़ज़ल गाते हुए
फूल बरसाते हुए, प्यार छलकते हुए
खुलके बिखरे जो महकते गेसू
घुल गई जैसे हवा में खुशबू
मेरी हर सांस को महकाते हुए
खुदपे इतराते हुए, खुदसे शरमाते हुए
तूने चेहरपे झुकाया चेहरा
मैंने हाथों से छुपाया चेहरा
लाज से शर्म से घबराते हुए
फूल बरसाते हुए, प्यार छलकते हुए