गुणगुनाएँ हवाएँ तुम आए - The Indic Lyrics Database

गुणगुनाएँ हवाएँ तुम आए

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - हरिहरन, अलका याज्ञनिक | संगीत - राजू सिंह | फ़िल्म - तुम आए (गैर-फिल्म) | वर्ष - 2002

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गुनगुनाईं हवाएँ गूँजी सारी दिशाएँ
मन मेरा मगन हो के गाए तुम आए तुम आए तुम आएझूमीं सारी फ़िज़ाएँ घिर के आईं घटाएँ
सपने ही सपने हैं छाए तुम आए तुम आए तुम आएधड़कनों पे जो बंधन थे सब खुल गए
जिस्म-ओ-जां प्यार की ओस में धुल गए
आरज़ू ने है दिल में जो अंग्ड़ाई ली
जाने कैसे नशे साँस में घुल गए
ख्वाब सजने लगे हैं साज बजने लगे हैं
छाए हैं फूलों के साए तुम आए तुम आए तुम आएतुम मेरे हमसफ़र दिल की राहों में हो
नाज़ कैसे न मेरी निगाहों को हो
ज़िंदगी जैसे ख्वाबों में है ढल गई
तुम मेरी हो गईं मेरी बाहों में हो
होगा क्या हम न जानें नई भरने उड़ानें
जज़्बात ने पर हैं फैलाए तुम आए तुम आए तुम आए
गुनगुनाईं हवाएँ ...