ऐ हमसफ़र बता दे मंज़िल तेरी किधर है - The Indic Lyrics Database

ऐ हमसफ़र बता दे मंज़िल तेरी किधर है

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मोहर | वर्ष - 1959

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ऐ हमसफ़र बता दे मंज़िल तेरी किधर है
र: जिसकी नहीं है मंज़िल ये इश्क़ वो सफ़र है
ल: ऐ हमसफ़र बता ...

ये प्यार की तमन्ना जिस दिल में मुस्कराए
वो दिल चिराग़ बनकर दुनिया को जगमगाए
शब को भी दिन बना दे उल्फ़त में वो असर है
र: जिसकी नहीं है ...

मंज़ूर इश्क़ को है ख़ुशियाँ मिले या आहें
हँस के जो ग़म भी सह ले ये इश्क़ का जिगर है
ल: ऐ हमसफ़र बता ...

इक साथ हम चले हैं दुनिया बसा के दिल की
र: रंगीन हसरतों से महफ़िल सजा के दिल की
ल: इस वक़्त प्यार अपना दुनिया से बेख़बर है
र: जिसकी नहीं है ...$