सच हुए सपने तेरे, झूम ले ओ मन मेरे - The Indic Lyrics Database

सच हुए सपने तेरे, झूम ले ओ मन मेरे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - आशा भोसले | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - काला बाजार | वर्ष - 1960

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सच हुए सपने तेरे, झूम ले ओ मन मेरे
बेकल मन का धीरज लेकर मेरे साजन आए
जैसे कोई सुबह का भूला साँझ को घर आ जाए
प्रीत ने रंग बिखेरे
मन की पायल छमछम बोले, हर एक सांस तराना
धीरे धीरे सिख लिया अँखियों ने मुस्काना
हो गये दूर अँधेरे
जिस उलझन ने दिल उलझाके सारी रात जगाया
बनी है वो आज प्रीत की माला मन का मीत मिलाया
झगमग साँझ सवेरे