सजती है युं हि महाफिलो - The Indic Lyrics Database

सजती है युं हि महाफिलो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - कुदरत | वर्ष - 1981

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सजती है यूँ ही महफ़िल
रंग यूँ ही ढलने दो
इक चराग़ बुझने दो
इक चराग़ जलने दोसाज़-ए-तमन्ना लाओ कोई गीत गाएँ हम
जश्न-ए-मुहब्बत है ये झूम के मनाएँ हम
शाम ये मुरादों की सुबह तक तो चलने दोसजती है यूँ ही महफ़िल ...अब तो नज़र भी अपनी उठती है दुआ बनकर
धड़कन भी निकली दिल से नग़मा-ए-वफ़ा बनकर
आज तो दिल-ओ-जाँ की हसरतें निकलने दोसजती है यूँ ही महफ़िल ...