तेरे ख्याल को मुहब्बत पर बहार आती - The Indic Lyrics Database

तेरे ख्याल को मुहब्बत पर बहार आती

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - शायर | वर्ष - 1949

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तेरे खयाल को दिल से लगाये बैठे हैं
हम इन्तेज़ार की दुनिया बसाये बैठे हैं(मुहब्बत पर बहार आती)-२
जहान गुल्ज़ार हो जाता
(अगर बेताब नज़रों को)-२
तेरा दीदार हो जातामेरे दिल की खुशी बन्कर,
अगर तुम सामने आते
सामने आते
(तो शायद आन्खोन आन्खोन में)-२
कोई इकरार हो जातामिला है दिल से दिल,
ये भी सहारा कम नहीं मुझको
कम नहीं मुझको
(नज़रों से जब नज़र मिलती)-२
तो बेड-ए-पार? हो जाता
(मुहब्बत पर बहार आती)-२
जहान गुल्ज़ार हो जाता