मेरे मेहबूब कयामत होगी - The Indic Lyrics Database

मेरे मेहबूब कयामत होगी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मिस्टर एक्स इन बॉम्बे | वर्ष - 1964

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मेरे मेहबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रे तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझ से शिकायत होगी
तेरी गली मैं आता सनम
नग़्मा वफ़ा का गाता सनम
तुझ से सुना ना जाता सनम
फिर आज इधर आया हूँ मगर ये कहने मैं दीवाना
ख़त्म बस आज ये वहशत होगी
मेरी तरह तू आहें भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझ से परे
तू ने ओ सनम ढाये हैं सितम, तो ये तू भूल न जाना
के न तुझ पे भी इनायत होगी
मेरे मेहबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
नाम निकलेगा तेरा ही लब से
जान जब इस दिल-ए-नाकाम से रुख़्सत होगी
मेरे सनम के दर से अगर
बाद-ए-सबा हो तेरा गुज़र
कहना सितमगर कुछ है ख़बर
तेरा नाम लिया जब तक भी जिया
ऐ शमा तेरा परवाना
जिससे अब तक तुझे नफ़रत होगी