आंसु तो नहीं हैं आंखों में - The Indic Lyrics Database

आंसु तो नहीं हैं आंखों में

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - तलत महमूद | संगीत - जमाल सेन | फ़िल्म - दाएरा | वर्ष - 1953

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आँसू तो नहीं हैं आँखों में
पहलू में मगर दिल जलता है, दिल जलता है
बूँदों पे लहू है हसरत का
जिगर पर आरा सा चलता है, दिल जलता हैजाग उठता है जब ग़म क्या कहिये
उस वक़्त का आलम क्या कहिये
जिस रात गये धीरे धीरे
जब कोई कलेजा मलता है, दिल जलता हैऐ दर्द-ए-जिगर ये बात है क्या
ये आप ही अपनी रात है क्या
होती है कसक हर धड़कन में
हर साँस लिये खंजर चलता है, दिल जलता हैहम हार गये हैं तेरे ग़म से
देखा ही नहीं जाता हमसे
जलता है पतंगा जब कोई
और शम्मा का आँसू ढलता है, दिल जलता है