मेरे मेहबूब में क्या नहीं - The Indic Lyrics Database

मेरे मेहबूब में क्या नहीं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा भोसले - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेरे महबूब | वर्ष - 1963

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मेरे मेहबूब में क्या नहीं
वो तो लाखों में है एक हसीं
मेरे मेहबूब में क्या नहीं
भोली सूरत अदा नाज़नीं
मेरा मेहबूब एक चाँद है हुस्न अपना निखारे हुए
आसमाँ का फरिश्ता है वो रूप इन्सां का धारे हुए
रश्क़-ए-जन्नत है वो महजबीं
माह हो अंजुम हो या कहकशाँ
सबसे प्यारा है मेरा सनम
उसके जलवों में है वो असर
होश उड़ जाए अल्ला कसम
देख ले गर उसे तू कहीं
मेरा मेहबूब है जान-ए-मन
सर्व-क़द माह-रू गुल-बदन
मेरा दिलबर है ऐसा जवान
हो बहारों में जैसे चमन
उसकी चालों में ऐसी लचक
जैसे फूलों की डाली हिले
उसकी आवाज़ में वो खनक
जैसे शीशे से शीशा मिले
उसके अंदाज़ है दिलनशीं
तेरे अफसानों में मेरी जान
है झलक मेरे अफसानों की
दास्तानें है मिलती हुई
अल्लाह हम दोनों परवानों की
एक ही शम्मा हो न कहीं