मेरे सपनों की रानी रुही रुही रुही - The Indic Lyrics Database

मेरे सपनों की रानी रुही रुही रुही

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफी, के एल सहगल | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - शाहजहां | वर्ष - 1946

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मेरे सपनों की रानी (२)
रूही रूही रूही (२)
मेरे सपनों की रानीआँखें नींदों के खज़ाने हैं
दो उल्फ़त के पैमाने हैं (२)
दिल तेरा शोख जवानी (२)
सपनों की रानीमाथे पे चाँद उतर आये
होंठों पे भँवरा मँडलाये (२)
मुखड़ा फूलों की कहानी (२)
सपनों की रानी
को : मेरे सपनों की रानी
रूही रूही रूही (२)
मेरे सपनों की रानीसांचे में ढली है हर दिल के
आ पलटे न निगाहें फिर मिलके (२)
पत्थर का जिगर हो पानी (२)
सपनों की रानी
को : मेरे सपनों की रानी
रूही रूही रूही (२)
मेरे सपनों की रानीचुप हो तो उदासी डसती है
हँस दे तो खुदाई हँसती है (२)
बोले तो फ़िज़ा नूरानी (२)
सपनों की रानी
को : मेरे सपनों की रानी
रूही रूही रूही (२)
मेरे सपनों की रानीरफ़ी : मेरे सपनों की रानी
रूही रूही रूही (२)
मेरे सपनों की रानी