कैसे राहुं चुप की मैंने पीई हि क्या हैं - The Indic Lyrics Database

कैसे राहुं चुप की मैंने पीई हि क्या हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इंतेकाम | वर्ष - 1969

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कैसे रहूँ चुप कि मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाक़ी
और ज़रा सी दे-दे साक़ी और ज़रा सी और
कैसे रहूँ चुप ...मुद्दतों की प्यास आज एक जाम बन गई
ये ख़ुशी की शाम शाम-ए-इन्तक़ाम बन गई
जो बात हममें तुममें थी वो बात आम बन गई
कैसे रहूँ चुप ...पता है तुमको राज़ क्या है मेरे इस सुरूर का
के इस सुरूर में ज़रा सा रंग है ग़ुरूर का
जो मैने पी तो क्यों नशा उतर गया हुज़ूर का
कैसे रहूँ चुप ...