साजन की गलियां छोड़ चले - The Indic Lyrics Database

साजन की गलियां छोड़ चले

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - बाजार | वर्ष - 1949

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साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
ये जीना भी कोई जीना है
हम उनको अपना केह ना सके
साजन की गलियाँजब उनसे बिछड़ कर आने लगे -२
रुक रुक के चले चल चल के रुके
लब काँपे आँखें भर आयी
कुछ केहना चाहा केह ना सके
साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँउनके लिये उनको छोड़ दिया
खुद अपने दिल को तोड़ दिया
हम उनके दिल में रेहते थे
उनके क़दमों में रेह ना सके
साजन की गलियाँ छोड चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँसाजन हैं वहाँ और हम हैं यहाँ
ऐसे दिल को ले जायें कहाँ
जो पास भी उनके रेह ना सके
और दर्द-ए-जुदाई सेह ना सके
साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँ