नई मंज़िल नई रहने नया है महरबान अपना - The Indic Lyrics Database

नई मंज़िल नई रहने नया है महरबान अपना

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - लता मंगेशकर, हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - हिल स्टेशन | वर्ष - 1957

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नई मंज़िल नई राहें नया है महर्बां अपना
न जाने जाके ठहरेगा कहाँ यह कार्वां अपनान चमकेगी जहाँ बिजली न आयेगा जहाँ तूफ़ां
बनाएंगे उसी डाली पे जाके आशियां अपनाभरोसा है मुक़द्दर पर तुम्हारा भी सहारा है
कहीं दुश्मन न बन जाए यह ज़ालिम आस्मां अपनादिखाएंगे हमें यह चाँद तारे राह मंज़िल की
बनते हो अगर दुश्मन तो हो सारा जहाँ अपना