वो तेरे प्यार का ग़म, एक बहाना था सनम - The Indic Lyrics Database

वो तेरे प्यार का ग़म, एक बहाना था सनम

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - संगदिल | वर्ष - 1952

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वो तेरे प्यार का ग़म, एक बहाना था सनम
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया
ये ना होता तो कोई दूसरा ग़म होना था
मैं तो वो हूँ जिसे हर हाल में बस रोना था
मुस्कुराता भी अगर तो छलक जाती नज़र
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया
वर्ना क्या बात है तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सीनेमें भी दिल है, कोई पत्थर तो नहीं
तूने ढाया है सितम, तो यही समझेंगे हम
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया