एक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने - The Indic Lyrics Database

एक घर बनाऊँगा, तेरे घर के सामने

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता - रफी | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - तेरे घर के सामने | वर्ष - 1963

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एक घर बनाऊंगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊंगा, तेरे घर के सामने
घर का बनाना कोई आसान काम नहीं
दुनिया बसाना कोई आसान काम नहीं
दिल में वफायें हो तो, तूफां किनारा है
बिजली हमारे लिए प्यार का इशारा है
तन मन लुटाऊंगा, तेरे घर के सामने
कहते है प्यार जिसे दरिया है आग का
या फिर नशा है कोई जीवन के राग का
दिल में जो प्यार हो तो, आग भी फूल है
सच्ची लगन जो हो तो, परबत भी धूल है
तारें सजाऊँगा, तेरे घर के सामने
काटों भरे हैं लेकिन चाहत के रास्ते
तुम क्या करोगे देखे उल्फत के वास्ते
उल्फत में ताज छूटे, ये भी तुम्हे याद होगा
उल्फत में ताज बने, ये भी तुम्हे याद होगा
मैं भी कुछ बनाऊंगा, तेरे घर के सामने