वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है - The Indic Lyrics Database

वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - फ़िर सुबह होगी | वर्ष - 1958

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वो शाम कुछ अजीब थी
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी
वो आज भी करीब है
झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था
दबी दबी हँसी में इक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यों लगा मुझे के मुस्कुरा रही है वो
मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख़याल है मुझे के साथ आ रही है वो