अच्छा जी मैं हरी चलो मान जाओ ना - The Indic Lyrics Database

अच्छा जी मैं हरी चलो मान जाओ ना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - काला पानी | वर्ष - 1958

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आशा:अच्छा जी मैं हारी, चलो मान जाओ ना
रफ़ी:देखी सबकी यारी, मेरा दिल जलाओ नाआशा:(छोटे से क़ुसूर पे, ऐसे हो खफ़ा
रफ़ी:रूठे तो हुज़ूर थे, मेरी क्या खता ) -२
आशा:देखो दिल ना तोड़ो
रफ़ी:छोड़ो हाथ छोड़ो
आशा:देखो दिल न तोड़ो
रफ़ी:अरे! छोड़ो हाथ छोड़ो
आशा:छोड़ दिया तो हाथ मलोगे समझे?
रफ़ी:अजी समझे!आशा: (जीवन के ये रास्ते, लम्बे हैं सनम
रफ़ी:काटेंगे ये ज़िंदगी, ठोकर खाके हम ) -२
आशा:ओय! ज़ालिम साथ देले
रफ़ी:अच्छे हम अकेले
आशा:ज़ालिम साथ देले
रफ़ी:अरे अच्छे हम अकेले
आशा:चार कदम भी चल न सकोगे समझे?
रफ़ी:हाँ समझे!आशा: (जाओ रह सकोगे ना तुम भी चैन से
रफ़ी:तुम तो खैर लूटना जीनेके मज़े ) -२
आशा:क्या करना है जीके
रफ़ी:हो रहना किसी के
आशा:क्या करना है जीके
रफ़ी:अरे, हो रहना किसी के
आशा:हम ना रहे तो याद करोगे, समझे?
रफ़ी:समझे!आशा:अच्छा जी मैं हारी, चलो मान जाओ ना
रफ़ी:देखी सबकी यारी, मेरा दिल जलाओ ना