कहो ना कहो ये आंखें बोलती हैं - The Indic Lyrics Database

कहो ना कहो ये आंखें बोलती हैं

गीतकार - सईद क़ादरी | गायक - अमीर जमाल | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मर्डर | वर्ष - 2004

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कहो न कहो, ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम
ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफ़र में ये सहारा है
वफ़ा के साहिलों का ये कनारा है( बादलों से ऊँची उड़ान उनकी
सबसे अलग पहचान उनकी
उनसे है प्यार की कहानी मन्सूब
आती-जाती साँसों की रवानी मन्सूब)-२कहो न कहो, ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम
ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफ़र में तू हमारा है
अंधेरे रास्तों का तू सितारा हैतू ही जीने का सहारा है
मेरी मौजों का किनारा है
मेरे लिये ये जहाँ है तू
तुझे मेरे दिल ने पुकारा हैए ए ए ए -२कहो न कहो, ये साँसें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम
ओ मेरे सनम
लबों पे नाम तेरे बस हमारा है
ये तेरा दिल भी जानाँ अब हमारा हैकहो न कहो, ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम
ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफ़र में ये सहारा है
वफ़ा के साहिलों का ये कनारा है( ख़ाबों में तुझको सँवारा है
जज़्बों में अपने उतारा है
मेरी ये आँखें जिधर देखें
तेरा ही तेरा नज़ारा है ) -४