चंदन सा बदन, चंचल चितवन - The Indic Lyrics Database

चंदन सा बदन, चंचल चितवन

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - सरस्वतीचंद्र | वर्ष - 1968

View in Roman

चंदन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जगवालों
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
ये काम कमान भवें तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथेपर सिंदूरी सूरज
होठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए
आबाद हो दिल का विराना
तन भी सुन्दर, मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरुरत है
पहले भी बहोत मैं तरसा हूँ
तू और न मुझ को तरसाना