बात है एक बुन्द सी दिल के प्यारे में - The Indic Lyrics Database

बात है एक बुन्द सी दिल के प्यारे में

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली | वर्ष - 1971

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ल : बात है एक बूंद सी दिल के प्याले में
आते-आते होंठों तक तूफ़ान ना बन जाए -३
मु : बात क्या
अरमान वो क्या दिल के लिए बात क्या
तूफ़ाँ में जो जीने का सामान ना बन जाए -२
बात क्या ...मु : राज़ है क्या ऐसा
ल : उहूं उहूं हूं
मु : देखो टालो ना
ल : उहूं उहूं हूं
मु : हम कोई ग़ैर हैं क्या
ल : उहूं उहूं हूं
मु : फिर कह डालो ना
ल : है दिल की वो लहर ऐसी चंचल
जो इसे छेड़ा किसी मतवाले ने जो इसे
आते-आते होंठों ...
मु : ( ना बन जाए ) -२ बात क्या ...ल : मेरी आँखें पढ़िए
मु : उहूं उहूं हूं
ल : कुछ लिखा होगा
मु : उहूं उहूं हूं
ल : धड़कन सुनते हो
मु : उहूं उहूं हूं
ल : दिल सुनता होगा
मु : वैसे तो है मेरे दिल में भी हलचल फिर भी
हलचल वो क्या दिल के लिए फिर भी
तूफ़ाँ में जो ...
ल : ( ना बन जाए ) -२ बात है एक ...तुम कहाँ मैं कहाँ
मु : ओ हो ओ हो हो
हम तुम संग संग हैं
ल : उहूं उहूं हूं
धरती और अम्बर
मु : ओ हो ओ हो हो
दोनों एक रंग हैं
ल : तुम हो मेरे कह दो जो ये अरमान
सुन लिया जो छिप के किसी दुनिया वाले ने सुन लिया
आते-आते होंठों ...
मु : ( ना बन जाए ) -२ बात क्या ...
ल : बात है एक ...
मु : बात क्या
ल : बात है एक
मु : बात क्या
ल : जी बात है