तिरंगा उसके गुन गाए तेरी हिफ़ाज़त करती है वर्दी - The Indic Lyrics Database

तिरंगा उसके गुन गाए तेरी हिफ़ाज़त करती है वर्दी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कुमार शानू, सहगान | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - वर्दी | वर्ष - 1988

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तिरंगा उसके गुण गाए गंगा यही गीत सुनाए -२
तेरी हिफ़ाज़त मेरी हिफ़ाज़त करती है वर्दी -२
रहे सलामत सबकी खिदमत करती है वर्दी
तेरी हिफ़ाज़त मेरी हिफ़ाज़त ...आ आ
( हे राम -२ हे राम राम राम ) -२
बापू गांधी का देश है ये
इस देश में सबका भेष है ये
सारी दुनिया में अमन रहे इस वर्दी का संदेश है ये -२
जंग छिड़े बस फिर तो क़यामत करती है वर्दी -२
तेरी हिफ़ाज़त मेरी हिफ़ाज़त ...( वर्दी को किसी से बैर नहीं
कोई अपना नहीं कोई ग़ैर नहीं ) -२
कोई इस पर दाग़ लगाए तो बस समझो उसकी ख़ैर नहीं
मत पूछो क्या उसकी हालत करती है वर्दी -२
रहे सलामत सबकी खिदमत ...ये फ़र्ज़ निभाना पड़ता है
ये कर्ज़ चुकाना पड़ता है
अपने हाथों से अपनों को हथकड़ी लगाना पड़ता है -२
बदनामी के नाम से नफ़रत करती है वर्दी -२
रहे सलामत सबकी खिदमत ...जिसने वर्दी को पहन लिया
ये क़सम उठाई अहद किया
( ऐ मेरे वतन तेरी खातिर
मैने दुनिया को छोड़ दिया ) -२
अपने वतन से कितनी मोहब्बत करती है वर्दी