मैं तो चलूँ पश्छिम - The Indic Lyrics Database

मैं तो चलूँ पश्छिम

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लता मंगेशकर | फ़िल्म - | वर्ष - 1950

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( मैं तो चलूँ पश्छिम, पूरब चले दुनिया
मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया )-२


जब से किसी को बसाया है दिल में-२
हो हो
हलचल है गैरों की हर महफ़िल में-२
मेरे घर चन्दा सूरज चले दुनिया

मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया
मैं तो चलूँ पश्छिम, पूरब चले दुनिया
मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया


सपनों में वो जब से आने लगे हैं-२
शाम-ओ-सहर मुस्कराने लगे हैं-२
मेरी हँसी पे तड़प चले दुनिया

मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया
मैं तो चलूँ पश्छिम, पूरब चले दुनिया
मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया


रस्ते में काँटे बिछे हैं तो क्या है-२

ज़ालिम ये पहरे लगे हैं तो क्या है-२
मैं जो चलूँ छुन-छुन संग चले दुनिया

मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया
मैं तो चलूँ पश्छिम, पूरब चले दुनिया
मेरी क़िस्मत पे बड़ी जले दुनिया