सबके दिल में रहता हुं - The Indic Lyrics Database

सबके दिल में रहता हुं

गीतकार - फरहत शहजादी | गायक - मेहदी हसन | संगीत - नियाज़ अहमद | फ़िल्म - कहना उसे (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1984

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सबके दिल में रहता हूँ पर दिल का आंगन खाली है
ख़ुशियाँ बाँट रहा हूँ जग में अपना दामन खाली हैगुल रुत आई कलियाँ चटकीं पत्ती पती मुस्काई
पर एक भँवरा न होने से गुलशन गुलशन खाली हैरंगों का उकताम नहीं हर-चन्द यहाँ पर जाने क्यूँ
रंग बरंगों तनवारं का सच में ही मन खाली हैदर दर की ठुकराई हुई ऐ महबूबा-ए-तनहाई
आ मिल जुल कर रह ले इसमें दिल का नशेमन खाली है