हवा गुजर गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं - The Indic Lyrics Database

हवा गुजर गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं

गीतकार - गुलजार | गायक - भूपेंद्र | संगीत - Nil | फ़िल्म - सुरमई रात | वर्ष - 2013

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हवा गुजर गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं
चराग जलते ही फिर शाम उधड़ने लगती है
जो इंतज़ार के लम्हें थे वो सिले भी नहीं
ये कैसा रिश्ता हुआ इश्क में वफा का भला
तमाम उम्र में दो चार छे गिले भी नहीं