ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो - The Indic Lyrics Database

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो

गीतकार - मजरूह | गायक - तलत | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - आरजू | वर्ष - 1950

View in Roman

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो
अपना पराया मेहरबां ना-मेहरबां कोई न हो
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल

जा कर कहीं खो जाऊँ मैं, नींद आए और सो जाऊँ मैं
नींद आए और सो जाऊँ मैं
दुनिया मुझे ढूँढे मगर मेरा निशां कोई न हो
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल

उल्फ़त का बदला मिल गया, वो ग़म लुटा वो दिल गया
वो ग़म लुटा वो दिल गया
चलना है सब से दूर दूर अब कारवां कोई न हो
अपना पराया मेहरबां ना-मेहरबां कोई न हो
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो$