हाथों की चंद लक़ीरों का - The Indic Lyrics Database

हाथों की चंद लक़ीरों का

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - सुरेश वाडकर - अन्वर | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - विधाता | वर्ष - 1982

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हाथों की चंद लक़ीरों का
सब खेल है बस तकदीरों का
तक़दीर है क्या मैं क्या जानूँ
मैं आशिक़ हूँ तदबीरों का
अपनी तक़दीर से कौन लड़े
पनघट पे प्यासे लोग खड़े
मुझको करने है काम बड़े
है शौक़ तुझे तक़रीरों का
मैं मालिक अपनी क़िस्मत का
मैं बंदा अपनी हिम्मत का
देखेंगे तमाशा दौलत का
हम भेस बदल के फकीरों का
देखेंगे खेल तक़दीरों का
तक़दीर है क्या मैं क्या जानूँ
मैं आशिक़ हूँ तदबीरों का