गीतकार - योगेश | गायक - मुबारक बेगम | संगीत - रॉबिन बनर्जी | फ़िल्म - मार्वल मैन | वर्ष - 1964
View in Romanआँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
तुम नहीं आते हो तो याद भी क्यों आती है
आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
हम खयालों में बुला लेते हैं अक्सर तुमको
जब तबीयत ज़रा तनहाई से घबराता है
आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
हर इक आहट पे यूँ हम चौंक उठा करते हैं
जिस तरहा बिजली घटाओं में चमक जाती है
तुम नहीं आते हो तो, याद भी क्यों आती है
आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है