ऐ फूलों की रानी, बहारों की मलिका - The Indic Lyrics Database

ऐ फूलों की रानी, बहारों की मलिका

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - आरजू | वर्ष - 1965

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ऐ फूलों की रानी, बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना, गजब हो गया
ना दिल होश में है, ना हम होश में हैं
नज़र का मिलाना, गजब हो गया
तेरे होंठ क्या हैं, गुलाबी कंवल हैं
ये दो पत्तीयाँ, प्यार की एक ग़ज़ल है
वो नाज़ूक लबों से, मोहब्बत की बातें
हम ही को सुनाना, गजब हो गया
कभी घूल के मिलना, कभी खुद झिझकना
कभी रास्तों पर बहकना, मचलना
ये पलकों की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना, गजब हो गया
फिजाओं में ठंडक, घटापर जवानी
तेरे गेसूओं की बड़ी मेहरबानी
हर एक पेच में सेकड़ों मयकदें हैं
तेरा लड़खड़ाना गजब हो गया