वो चांद जैसी लडकी इस दिल पे छा रही है - The Indic Lyrics Database

वो चांद जैसी लडकी इस दिल पे छा रही है

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - उदित नारायण | संगीत - ईस्माइल दरबार | फ़िल्म - अनाडी | वर्ष - 1959

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वो चांद जैसी लडकी इस दिल पे छा रही है
आँखों के रास्ते से इस दिल में आ रही है
अल्लड सी भोलीभाली मासूम यह शरारत
बदली नहीं है अबतक बचपन की उस की आदत
तडपा रही हैं यादें, हो जाउँ ना मैं पागल
आ जाये सामने वो, यह जान जा रही है
मेरा चांद बादलों में क्यों जा के खो गया है
अब दूर इस कदर वो क्यों मुझ से हो गया है
क्यों जी रहा हूँ तनहा, ये याद भी नहीं है
बस इतना याद है के वो याद आ रही है