ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम - The Indic Lyrics Database

ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - दो आँखें बारह हाथ | वर्ष - 1958

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ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें, ताकि हँसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम, तो अमावस को कर दे पूनम
बड़ा कमजोर है आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा, तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम, तू ही झेलेगा हम सब के ग़म
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई भरें, नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम