कहीं तारे कहीं शबनम कहीं जुगनुउ निकले - The Indic Lyrics Database

कहीं तारे कहीं शबनम कहीं जुगनुउ निकले

गीतकार - मुमताज रशीद | गायक - आशा भोंसले | संगीत - हरिहरन | फ़िल्म - आबशार-ए-ग़ज़ल (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

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कहीं तारे कहीं शबनम कहीं जुगनू निकले
सारे मंज़र तेरी आवाज़ के जादू निकलेज़िंदगी हम जिये औरों की ख़ुशी की ख़ातिर
भीड़ में हँस दिये तन्हाई में आँसू निकलेतेरे होंठों पे चमक उट्ठे मेरा नाम कभी
और मेरी ग़ज़लों के परदों से कभी तू निकलेजब भी याद आ गया वो साँवला चेहरा 'राशिद'
आँखों में फूल खिले साँसों से ख़ुश्बू निकले