दिल ले के छुपने वाले - The Indic Lyrics Database

दिल ले के छुपने वाले

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पारस | वर्ष - 1949

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दिल्ली की गलियों में जिया नाही लागे

ज़ोहरा :

दिल्ली की गलियों में जिया नाही लागे

मैं तो देखूँगी बम्बई

वादा करके बीत गये है मार्च, अप्रैल और मई

मैं तो देखूँगी बम्बई

दु : अरे दिल्ली ना छोड़ ये तो अपना है देस

ज़ो : चलें हम तुम बम्बई वहाँ देखेंगे race

दु : यहाँ दिल के तमाशे, यहाँ नैनों के खेल

यहाँ क़ुतुब साब की लाट

ज़ो : वहाँ दादर और परेल

मिल जाएंगे उस नगरी में तेरे जैसे कई

मैं तो देखूँगी बम्बई

दु : यहाँ सखियाँ भी हैं, तोरी मैंया भी है

यहाँ तोरी ननदिया का भैया भी है

ज़ो : वहाँ इज़्ज़त भी है और रुपैया भी है

वहाँ सैगल भी है और सुरैया भी है

क्या करूँगी दिल्ली में मैं

यई यई यई यई यई

मैं तो देखूँगी बम्बई