वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गई - The Indic Lyrics Database

वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गई

गीतकार - नुसरत बद्री | गायक - उदित नारायण | संगीत - इस्माइल दरबार | फ़िल्म - देवदास | वर्ष - 2002

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वो भूली दास्ताँ लो फिर याद आ गई
नज़र के सामने घटा सी छा गई
कहाँ से फिर चले आए, ये कुछ भटके हुए साए
ये कुछ भूले हुए नगमे, जो मेरे प्यार ने गाए
ये कुछ बिछडी हुई यादे, ये कुछ टूटे हुए सपने
पराये हो गए तो क्या, कभी ये भी तो थे अपने
न जाने इनसे क्यों मिलकर नजर शरमा गई
उम्मीदों के हसीं मेले, तमन्नाओके वो रेले
निगाहोंने निगाहोंसे अजब कुछ खेल थे खेले
हवा में जुल्फ लहराई, नजर पे बेखुदी छाई
खुले थे दिल के दरवाजे, मोहब्बत भी चली आई
तमन्नाओकी दुनिया पर जवानी छा गई
बड़े रंगी जमाने थे, तराने ही तराने थे
मगर अब पूंछता है दिल, वो दिन थे या फ़साने थे
फकत एक याद है बाकी, बस एक फर्याद है बाकी
वो खुशियाँ लूट गई लेकीन, दिल-ए-बरबाद है बाकी
कहाँ थी जिन्दगी मेरी, कहाँ पर आ गई